तुम चाहो तो

चाहो तो 

ख़ुशबू 

एहसास

और चाँद बना दो 

तुमसे होकर गुज़र जाऊँ 


और तुम 

एहसास 

ख़ुशबू  और 

चाँद से भर जाओ 


ना ‘तुम’ जिस्म 

और ना ‘मैं’जिस्म

हमारा खोना क्या 

और पाना क्या 

 

नदी और पुल का प्रेम

ईश्वरीय प्रेम है ।