दीपक की तरह
रौशन रहे तू
गहरे अंधकार पर
तेरी जीत ही लहराये
जले तू इस तरह कि
तेरे करीब से
वह कोसो दूर नजर आये
जल जाये रात सारी
तेरी इक टिमटीमाहट में
उग जाय एक सूरज
और नया सबेरा हो !
रौशन रहे तू
गहरे अंधकार पर
तेरी जीत ही लहराये
जले तू इस तरह कि
तेरे करीब से
वह कोसो दूर नजर आये
जल जाये रात सारी
तेरी इक टिमटीमाहट में
उग जाय एक सूरज
और नया सबेरा हो !
जले तू इस तरह कि
ReplyDeleteतेरे करीब से
वह कोसो दूर नजर आये
क्या बात है बहुत बढ़िया रचनाधर्मिता ....
बहुत सुंदर
ReplyDeleteक्या बात है
वाह ... क्या बात है ... इस तरह जले की कोसों दूर का नज़र आए ...
ReplyDeleteइस नए सवेरे का स्वागत हैं .....
ReplyDeleteबहुत सुंदर भाव , कमाल बेमिसाल जी बहुत खूब । शुभकामनाएं रफ़्तार यूं ही बनी रहे
ReplyDeleteसुंदर भाव संयोजन से सुसज्जित भावपूर्ण रचना....
ReplyDeleteउग जाय एक सूरज
ReplyDeleteऔर नया सबेरा हो !
बहुत खूब. . सुन्दर मनोकामना
:) :) सुन्दर..इंस्पिरेशनल!! :)
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