क्षणिकायें

        1.

समंदर है गर किनारे
तैरने का हुन्नर आ जाये
तो अच्छा  !!
          
       2.

जंगलों को मिटाना
बदलने लगा है दस्तूर
जिंदगी की
साँप अब लोटते है
दरवाजों पर !!
          
      3.

फूल मिटाने की
कवायद
तेज कर दी उन्होंने ने
जिन्हें खुशबू से परहेज नही
कांटे हवाओ में बिखर गये
सांसो की खैर नही अब  !!
         
          4.

रोज़ सुबह चिडियों का
चहकना कम होता जाता है 
घोंसलें अब सुरक्षित नही रहे !!
         
         5.

वो नही कहते
कभी कि गैर हो
पर
जब भी मिलते है
मूँह फेर लेते है !!

6 comments:

  1. jeevan ki kuch kdvi sachchaai ko ukera hai kshankaon me bahut khoob.

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  2. देखन में छोटे लगे, घाव करे गंभीर

    क्या कहने इन क्षणिकाओं के
    बहुत बढिया

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  3. सभी क्षनिकाएं खूबसूरत हैं!!

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  4. आश्रय के बिना चहकन सम्भव नही
    बहुत सुन्दर

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  5. आश्रय के बिना चहकन कैसा
    बहुत सुन्दर

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