करीब से गुजरती हवाओ से
कैसे कह दूँ कि
तेरी खुशबू छुपा ले
माना रात गहरी है
अंधेरो से कैसे कह दूँ कि
जुगनू छुपा ले
आसमान पर सितारे सजे है
चाँदनी से कैसे कह दूँ कि
चाँद छुपा ले
तू शहर में मशहूर बहुत है
पर गलियों से कैसे कह दूँ कि
तुझे छुपा ले
गुलशन में खुशबू है तेरे इक
फूल के दम से
धडकनो को कैसे कह दूँ कि
दिल को छुपा ले !!
कैसे कह दूँ कि
तेरी खुशबू छुपा ले
माना रात गहरी है
अंधेरो से कैसे कह दूँ कि
जुगनू छुपा ले
आसमान पर सितारे सजे है
चाँदनी से कैसे कह दूँ कि
चाँद छुपा ले
तू शहर में मशहूर बहुत है
पर गलियों से कैसे कह दूँ कि
तुझे छुपा ले
गुलशन में खुशबू है तेरे इक
फूल के दम से
धडकनो को कैसे कह दूँ कि
दिल को छुपा ले !!
बहुत सुन्दर, आपको नववर्ष की मंगलमय कामनाएं ! बुरा न माने तो अपनी इस बेहतरीन रचना में एक छोटा सा परिवर्तन करने को कहूंगा ! "चांदनी से कैसे कह दूं कि चाँद छुपा ले" की जगह 'चाँद से कैसे कह दूं कि चांदनी छुपा दे' , ज्यादा उचित बन पड़ेगा !
ReplyDeleteगुलशन में खुशबू है तेरे इक
ReplyDeleteफूल के दम से
धडकनो को कैसे कह दूँ कि
दिल को छुपा ले !!
क्या बात , क्या बात , क्या बात
.........नव वर्ष की अग्रिम शुभ कामनाएँ
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteमाना रात गहरी है
ReplyDeleteअंधेरो से कैसे कह दूँ कि
जुगनू छुपा ले
वाह ...बहुत ही सुन्दर
वाह बहुत सुंदर भाव .... समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है http://aapki-pasand.blogspot.com/
ReplyDeleteबहुत खूब.....नववर्ष की शुभकामनायें
ReplyDeleteबहुत ही भावमयी प्रस्तुति……………॥आगत विगत का फ़ेर छोडें
ReplyDeleteनव वर्ष का स्वागत कर लें
फिर पुराने ढर्रे पर ज़िन्दगी चल ले
चलो कुछ देर भरम मे जी लें
सबको कुछ दुआयें दे दें
सबकी कुछ दुआयें ले लें
2011 को विदाई दे दें
2012 का स्वागत कर लें
कुछ पल तो वर्तमान मे जी लें
कुछ रस्म अदायगी हम भी कर लें
एक शाम 2012 के नाम कर दें
आओ नववर्ष का स्वागत कर लें
सुन्दर अभिवयक्ति....नववर्ष की शुभकामनायें.....
ReplyDeleteघड़ी के कांटे घूम रहे हैं तेजी से
ReplyDelete53 मिनट ही रह गये हैं 2012 के
नव-वर्ष की बहुत बहुत शुभकामनायें।
नव-वर्ष 2012 की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर,नव-वर्ष की शुभकामनाएं !
ReplyDelete