कैसे छुपा ले

करीब से गुजरती हवाओ से
कैसे कह दूँ कि
तेरी खुशबू छुपा ले

माना रात गहरी है
अंधेरो से कैसे कह दूँ कि
जुगनू छुपा ले

आसमान पर सितारे सजे है
चाँदनी से कैसे कह दूँ कि
चाँद छुपा ले

तू शहर में मशहूर बहुत है
पर गलियों से कैसे कह दूँ कि
तुझे छुपा ले
  
गुलशन में खुशबू है तेरे इक
फूल के दम से
धडकनो को कैसे कह दूँ कि
दिल को छुपा ले !!

11 comments:

  1. बहुत सुन्दर, आपको नववर्ष की मंगलमय कामनाएं ! बुरा न माने तो अपनी इस बेहतरीन रचना में एक छोटा सा परिवर्तन करने को कहूंगा ! "चांदनी से कैसे कह दूं कि चाँद छुपा ले" की जगह 'चाँद से कैसे कह दूं कि चांदनी छुपा दे' , ज्यादा उचित बन पड़ेगा !

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  2. गुलशन में खुशबू है तेरे इक
    फूल के दम से
    धडकनो को कैसे कह दूँ कि
    दिल को छुपा ले !!
    क्या बात , क्या बात , क्या बात
    .........नव वर्ष की अग्रिम शुभ कामनाएँ

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  4. माना रात गहरी है
    अंधेरो से कैसे कह दूँ कि
    जुगनू छुपा ले

    वाह ...बहुत ही सुन्दर

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  5. वाह बहुत सुंदर भाव .... समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है http://aapki-pasand.blogspot.com/

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  6. बहुत खूब.....नववर्ष की शुभकामनायें

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  7. बहुत ही भावमयी प्रस्तुति……………॥आगत विगत का फ़ेर छोडें
    नव वर्ष का स्वागत कर लें
    फिर पुराने ढर्रे पर ज़िन्दगी चल ले
    चलो कुछ देर भरम मे जी लें

    सबको कुछ दुआयें दे दें
    सबकी कुछ दुआयें ले लें
    2011 को विदाई दे दें
    2012 का स्वागत कर लें

    कुछ पल तो वर्तमान मे जी लें
    कुछ रस्म अदायगी हम भी कर लें
    एक शाम 2012 के नाम कर दें
    आओ नववर्ष का स्वागत कर लें

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  8. सुन्दर अभिवयक्ति....नववर्ष की शुभकामनायें.....

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  9. घड़ी के कांटे घूम रहे हैं तेजी से
    53 मिनट ही रह गये हैं 2012 के
    नव-वर्ष की बहुत बहुत शुभकामनायें।

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  10. नव-वर्ष 2012 की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !

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  11. बहुत सुन्दर,नव-वर्ष की शुभकामनाएं !

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