स्पर्श की ख्वाहिश को मुकम्मल हो जाने दे

शब्द-शब्द उलझ जाने दे
कविता-कहानी से बहल जाने दे

रौशन रहेगा अक्षरों में लौ
एक गीत को गज़ल हो जाने दे

शाखों पर रुत आयेंगी और जायेंगी
मेघों को दरख्तो पर बरस जाने दे

राग और विराग का नाद बिखरा है यहाँ
सूरो को तालो के साथ सज जाने दे

सांस उल्झी हुई है धडकनों में रात-दिन
स्पर्श की ख्वाहिश को मुकम्मल हो जाने दे !!

14 comments:

  1. बहुत ख़ूबसूरत रचना

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  2. बहुत बढिया । आपका प्रवाह साथ बहा ले जाता है । बहुत खूब । लिखती रहें

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  3. बहुत अच्छी एषणा. सुन्दर शब्दों का चयन. नव वर्ष की शुभ कामनाओं सहित.

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  4. बहुतही सुन्दर्………………आगत विगत का फ़ेर छोडें
    नव वर्ष का स्वागत कर लें
    फिर पुराने ढर्रे पर ज़िन्दगी चल ले
    चलो कुछ देर भरम मे जी लें

    सबको कुछ दुआयें दे दें
    सबकी कुछ दुआयें ले लें
    2011 को विदाई दे दें
    2012 का स्वागत कर लें

    कुछ पल तो वर्तमान मे जी लें
    कुछ रस्म अदायगी हम भी कर लें
    एक शाम 2012 के नाम कर दें
    आओ नववर्ष का स्वागत कर लें

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  5. क्या कहने

    नया वर्ष मंगलमय हो

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  6. अति सुंदर रचना. दिल को भा गयी.
    नववर्ष मंगलमय हो.

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  7. सुन्दर अभिवयक्ति....नववर्ष की शुभकामनायें.....

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  8. कंप्यू्टर के सामने बैठा हूं पर गज़ल पढ़ते पढ़ते मुझे अपनी ही आवाज़ सुनाई दे रही है
    ……वाह वाह वाह वाह!!!! सचमुच ही सुंदर रचना। नव वर्ष की आप सभी को बहुत बहुत बधाई व शुभकामनायें।

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  9. नव-वर्ष 2012 की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !

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  10. बेहतरीन रचना ...नववर्ष की शुभकामनाएं

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  11. http://urvija.parikalpnaa.com/2012/01/blog-post_03.html

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  12. naye sal ki shubhkamana ke sath aabhar aap sabka!!

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