शब्द-शब्द उलझ जाने दे
कविता-कहानी से बहल जाने दे
रौशन रहेगा अक्षरों में लौ
एक गीत को गज़ल हो जाने दे
शाखों पर रुत आयेंगी और जायेंगी
मेघों को दरख्तो पर बरस जाने दे
राग और विराग का नाद बिखरा है यहाँ
सूरो को तालो के साथ सज जाने दे
सांस उल्झी हुई है धडकनों में रात-दिन
स्पर्श की ख्वाहिश को मुकम्मल हो जाने दे !!
कविता-कहानी से बहल जाने दे
रौशन रहेगा अक्षरों में लौ
एक गीत को गज़ल हो जाने दे
शाखों पर रुत आयेंगी और जायेंगी
मेघों को दरख्तो पर बरस जाने दे
राग और विराग का नाद बिखरा है यहाँ
सूरो को तालो के साथ सज जाने दे
सांस उल्झी हुई है धडकनों में रात-दिन
स्पर्श की ख्वाहिश को मुकम्मल हो जाने दे !!
बहुत ख़ूबसूरत रचना
ReplyDeleteबहुत बढिया । आपका प्रवाह साथ बहा ले जाता है । बहुत खूब । लिखती रहें
ReplyDeleteबहुत अच्छी एषणा. सुन्दर शब्दों का चयन. नव वर्ष की शुभ कामनाओं सहित.
ReplyDeleteबहुतही सुन्दर्………………आगत विगत का फ़ेर छोडें
ReplyDeleteनव वर्ष का स्वागत कर लें
फिर पुराने ढर्रे पर ज़िन्दगी चल ले
चलो कुछ देर भरम मे जी लें
सबको कुछ दुआयें दे दें
सबकी कुछ दुआयें ले लें
2011 को विदाई दे दें
2012 का स्वागत कर लें
कुछ पल तो वर्तमान मे जी लें
कुछ रस्म अदायगी हम भी कर लें
एक शाम 2012 के नाम कर दें
आओ नववर्ष का स्वागत कर लें
क्या कहने
ReplyDeleteनया वर्ष मंगलमय हो
सुन्दर रचना.. सादर बधाई और
ReplyDeleteनूतन वर्ष की सादर शुभकामनाएं
अति सुंदर रचना. दिल को भा गयी.
ReplyDeleteनववर्ष मंगलमय हो.
सुन्दर अभिवयक्ति....नववर्ष की शुभकामनायें.....
ReplyDeleteकंप्यू्टर के सामने बैठा हूं पर गज़ल पढ़ते पढ़ते मुझे अपनी ही आवाज़ सुनाई दे रही है
ReplyDelete……वाह वाह वाह वाह!!!! सचमुच ही सुंदर रचना। नव वर्ष की आप सभी को बहुत बहुत बधाई व शुभकामनायें।
नव-वर्ष 2012 की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
ReplyDeleteबेहतरीन रचना ...नववर्ष की शुभकामनाएं
ReplyDeletebhawbhini.....
ReplyDeletehttp://urvija.parikalpnaa.com/2012/01/blog-post_03.html
ReplyDeletenaye sal ki shubhkamana ke sath aabhar aap sabka!!
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