घटते बढते चाँद सा
सलोना चेहरा और
आंखे जलते दो तारे
पूरे आसमान पर
पंक्षी के उडते रहना और
माप लेना उसका
सूरज चाँद
उंचाई मापने वाले
गहरे भी उतरे
और
पाताल के किसी कोने में
पडे तडपते पिंजडे तक पहुंचे
यह जरुरी नही
अंधेरो के पहरे में
कैद एक बुत
जिस्म और जान के
पत्थर होने तक चुप
बादलों को क्या पता
उनके बरस जाने के बाद
पानी कहाँ बहकर जाता
किससे मिलता है और
किससे नही मिल पाता
उफनता ऐसा जैसे
डुबोता कई महासागर
किनारो से लगकर
धरती पर फैलता
लहलहाती हरी घासों में
इक चाँद जो
सौंधी मिट्टी की गहराई को
मापने का ख्वाब लिये बैठा रहा !!
सलोना चेहरा और
आंखे जलते दो तारे
पूरे आसमान पर
पंक्षी के उडते रहना और
माप लेना उसका
सूरज चाँद
उंचाई मापने वाले
गहरे भी उतरे
और
पाताल के किसी कोने में
पडे तडपते पिंजडे तक पहुंचे
यह जरुरी नही
अंधेरो के पहरे में
कैद एक बुत
जिस्म और जान के
पत्थर होने तक चुप
बादलों को क्या पता
उनके बरस जाने के बाद
पानी कहाँ बहकर जाता
किससे मिलता है और
किससे नही मिल पाता
उफनता ऐसा जैसे
डुबोता कई महासागर
किनारो से लगकर
धरती पर फैलता
लहलहाती हरी घासों में
इक चाँद जो
सौंधी मिट्टी की गहराई को
मापने का ख्वाब लिये बैठा रहा !!
आज 23- 09 - 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
ReplyDelete...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
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bhaut hi khubsurat....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन।
ReplyDeleteसादर
बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ...
ReplyDeleteA good Expression,KAYAL HOON MAIN AAPKA
ReplyDeleteVAAH.....ACCHHA LAGAA APKAA LIKHNE KA STYLE....
ReplyDeleteAAKHIRI TEEN PANKTIYON NE KAVITA KO DHARTI KE GAHRE MEN LE JAAKAR BHI UNCHAAYIYON TAK UTHAA DIYA..
बहुत गहन और सुन्दर अभिव्यक्ति..
ReplyDeletegehen abhivyakti.
ReplyDeleteभावपूर्ण सुंदर अभिव्यक्ति समय मिले तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
ReplyDeletehttp://mhare-anubhav.blogspot.com/
bahut sundar prastuti
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावाव्यक्ति......
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति. बधाई सुंदर प्रस्तुति के लिये.
ReplyDeleteअंधेरो के पहरे में
ReplyDeleteकैद एक बुत
जिस्म और जान के
पत्थर होने तक चुप
...बेहतरीन।