तुम आओगे
और भींगना होगा
इस इसकद्र
यकीन ना था
धीमी
और उल्झी सांसो में
आग होगी
यकीन ना था
दस्तक हुई
दरवाजे पर और
धडकने होंगी
यकीन ना था
एहसास के आसमान पर
शब्दो के गिरह खुल जायेंगे
हौले से
यकीन ना था
वक्त देखते ही देखते
कुछ यूँ बदल जायेगा
यकीन ना था
बंद किवाडो के बीच
निगाहें सजदे में होगी
यकीन ना था
तू आये या ना आये
कदमो का चलना होगा
अब कांटो पर
यकीन ना था !!
और भींगना होगा
इस इसकद्र
यकीन ना था
धीमी
और उल्झी सांसो में
आग होगी
यकीन ना था
दस्तक हुई
दरवाजे पर और
धडकने होंगी
यकीन ना था
एहसास के आसमान पर
शब्दो के गिरह खुल जायेंगे
हौले से
यकीन ना था
वक्त देखते ही देखते
कुछ यूँ बदल जायेगा
यकीन ना था
बंद किवाडो के बीच
निगाहें सजदे में होगी
यकीन ना था
तू आये या ना आये
कदमो का चलना होगा
अब कांटो पर
यकीन ना था !!
तू आये या ना आये
ReplyDeleteकदमो का चलना होगा
अब कांटो पर
यकीन ना था !!
बहुत खूब!
सादर
bahut khoob...bahut sundar...
ReplyDeletewww.poeticprakash.com
बेहद सुन्दर और सशक्त अभिव्यक्ति।...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना....
ReplyDeleteसादर
बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........
ReplyDelete