जमीन से निकलनेवाले
पेड-पौधो,कीडे-मकौडो की
कही कोई बात नही होती
कहाँ से आती है हरियाली और
कहाँ कहाँ है सुंदरतम चीजे
इसकी जानकारी कही कोई नही होती
रोज धरती अपने जगह से
थोडा थोडा खिसक रही है
कही कोई चर्चा नही
आसमान भी हररोज
थोडा कम नीला हो जाता है
इतनी बडी घटना पर भी
रात की गहराई नही मापी जाती
रिश्तो में खुन कम
पानी ज्यादा भरने लगा है
और इसकद्र रोज थोडा
यह भी मरने लगा है
सभी भाग रहे वक्त की तरह
बिना सोचे
परिवर्तन हमें किसी विनाश की संकेत दे रहे
पर
अनुमान लगाने से भी परहेज क्यो है
हम आसमान पर नही तो
धरती पर क्यो है ?
पेड-पौधो,कीडे-मकौडो की
कही कोई बात नही होती
कहाँ से आती है हरियाली और
कहाँ कहाँ है सुंदरतम चीजे
इसकी जानकारी कही कोई नही होती
रोज धरती अपने जगह से
थोडा थोडा खिसक रही है
कही कोई चर्चा नही
आसमान भी हररोज
थोडा कम नीला हो जाता है
इतनी बडी घटना पर भी
रात की गहराई नही मापी जाती
रिश्तो में खुन कम
पानी ज्यादा भरने लगा है
और इसकद्र रोज थोडा
यह भी मरने लगा है
सभी भाग रहे वक्त की तरह
बिना सोचे
परिवर्तन हमें किसी विनाश की संकेत दे रहे
पर
अनुमान लगाने से भी परहेज क्यो है
हम आसमान पर नही तो
धरती पर क्यो है ?
विचारणीय पोस्ट ...
ReplyDeleteरोज धरती अपने जगह से
ReplyDeleteथोडा थोडा खिसक रही है
कही कोई चर्चा नही
गहन गंभीर भाव ...
परिवर्तन हमें किसी विनाश की संकेत दे रहे
ReplyDeleteपर
अनुमान लगाने से भी परहेज क्यो है
हम आसमान पर नही तो
धरती पर क्यो है ?
....बहुत सार्थक और सटीक प्रस्तुति...
सचेत करती हुई सार्थक रचना ....
ReplyDeleteसही लिखा है आपने...
ReplyDeleteकई बातें होती हैं..पर बात नहीं होती....अच्छी कविता
परिवर्तन हमें किसी विनाश का संकेत दे रहे, फिर भी हम जागे नहीं... सचेत करती रचना...
ReplyDeleteगहरी बातों को रेखांकित करती रचना । विचारोत्तेज़क प्रस्तुति संध्या जी
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति
ReplyDeleteकल 01/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है, कैसे कह दूं उसी शख़्स से नफ़रत है मुझे !
धन्यवाद!
रिश्तो में खुन कम
ReplyDeleteपानी ज्यादा भरने लगा है
और इसकद्र रोज थोडा
यह भी मरने लगा
हम आसमान पर नही , तो
धरती पर क्यो है.... ?
गंभीरता से सोचने वाली विषय-वस्तु.... ??
हम्म्म्म
ReplyDeleteसच है..खुद के सिवा अब कुछ दिखाई नहीं पड़ता किसी को...
सार्थक रचना..
बेहतरीन!
ReplyDeleteसादर
sarthak gahan abhiykti
ReplyDeleteबहुत खूब...
ReplyDeleteअच्छी प्रस्तुति
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