हिमालय से हो या
शिव जी की जट्टा से
गंगा की तरह
एक पवित्र भेंट है
कविता
ख्वाहिशों के बीच
एहसास की भटकन में
कोई नई धून है
कविता
कांटो के बीच खिले हुये
फूल से
महकती कोई चमन है
कविता
कीचड के कोख में
सुबह-सवेरे खिलता
एक कमल है
कविता
जानवरो के बीच
कस्तुरी के लिये भटकता
कोई नन्हा मृग है
कविता
बदलते तहजीब की
नई अंदाज़ है
कविता !!
शिव जी की जट्टा से
गंगा की तरह
एक पवित्र भेंट है
कविता
ख्वाहिशों के बीच
एहसास की भटकन में
कोई नई धून है
कविता
कांटो के बीच खिले हुये
फूल से
महकती कोई चमन है
कविता
कीचड के कोख में
सुबह-सवेरे खिलता
एक कमल है
कविता
जानवरो के बीच
कस्तुरी के लिये भटकता
कोई नन्हा मृग है
कविता
बदलते तहजीब की
नई अंदाज़ है
कविता !!
bahut shandar hai kavita.
ReplyDeleteख्वाहिशों के बीच
ReplyDeleteएहसास की भटकन में
कोई नई धून है
कविता waah
वाह वाह बहुत सुन्दर गढी है कविता
ReplyDeleteबहुत खूबसूरती से परिभाषित किया है कविता को ..
ReplyDeleteजानवरो के बीच
ReplyDeleteकस्तुरी के लिये भटकता
कोई नन्हा मृग है
कविता
.बहुत खूब...बहुत सुंदर है कविता...
वाह ...बहुत ही बढिया।
ReplyDeleteबहुत-बहुत ही अच्छी भावपूर्ण कविता...
ReplyDeleteबेहतरीन भावों के साथ सुंदर कविता।
ReplyDeleteहर बार ,
ReplyDeleteकिसी खूबसूरत से ,
मोड पे ,
ज्यादा खूबसूरत हो के ,
नज़र आती है कविता
आपने तो नई परिभाषा ही गढ दी कविता की । यकीन जानिए कविता को समझने और समझाने का आपका ये फ़लसफ़ा हमें बेहद प्रभावित कर गया । शुभकामनाएं आपको
बहुत अच्छी भावपूर्ण कविता.......
ReplyDelete