बदलते तहजीब की नयी अंदाज

हिमालय से हो या
शिव जी की जट्टा से
गंगा की तरह
एक पवित्र भेंट है
कविता

ख्वाहिशों के बीच
एहसास की भटकन में
कोई नई धून है 
कविता

कांटो के बीच खिले हुये
फूल से
महकती कोई चमन  है
कविता 

कीचड के कोख में
सुबह-सवेरे  खिलता
एक कमल है
कविता

जानवरो के बीच
कस्तुरी के लिये भटकता
कोई नन्हा मृग है
कविता

बदलते तहजीब की
नई अंदाज़ है 
कविता !!

10 comments:

  1. ख्वाहिशों के बीच
    एहसास की भटकन में
    कोई नई धून है
    कविता waah

    ReplyDelete
  2. वाह वाह बहुत सुन्दर गढी है कविता

    ReplyDelete
  3. बहुत खूबसूरती से परिभाषित किया है कविता को ..

    ReplyDelete
  4. जानवरो के बीच
    कस्तुरी के लिये भटकता
    कोई नन्हा मृग है
    कविता

    .बहुत खूब...बहुत सुंदर है कविता...

    ReplyDelete
  5. वाह ...बहुत ही बढिया।

    ReplyDelete
  6. बहुत-बहुत ही अच्छी भावपूर्ण कविता...

    ReplyDelete
  7. बेहतरीन भावों के साथ सुंदर कविता।

    ReplyDelete
  8. हर बार ,
    किसी खूबसूरत से ,
    मोड पे ,
    ज्यादा खूबसूरत हो के ,
    नज़र आती है कविता


    आपने तो नई परिभाषा ही गढ दी कविता की । यकीन जानिए कविता को समझने और समझाने का आपका ये फ़लसफ़ा हमें बेहद प्रभावित कर गया । शुभकामनाएं आपको

    ReplyDelete
  9. बहुत अच्छी भावपूर्ण कविता.......

    ReplyDelete