झाडू हाथ में थमा
उसे दश्त के हवाले कर दी
चिराग हांथो से छिनकर
सूरज को
रात के हवाले कर दी
उसकी बस्ती में
कोई आता जाता नहीं
उसकी कश्ती को मौजों के
हवाले कर दी
आसमान
सिकुड़ गया कबका
चाँद को
अंधेरो के हवाले कर दी
मौसमों को
क्या पता था कि
बादल सूख जायेंगें
जमीन को
बंजर के हवाले कर दी
गुजरते वक्त में
उसने
खूब निभाया साथ अपनो का
लहू के रंग ने उसे
गैरो के हवाले कर दी !
उसे दश्त के हवाले कर दी
चिराग हांथो से छिनकर
सूरज को
रात के हवाले कर दी
उसकी बस्ती में
कोई आता जाता नहीं
उसकी कश्ती को मौजों के
हवाले कर दी
आसमान
सिकुड़ गया कबका
चाँद को
अंधेरो के हवाले कर दी
मौसमों को
क्या पता था कि
बादल सूख जायेंगें
जमीन को
बंजर के हवाले कर दी
गुजरते वक्त में
उसने
खूब निभाया साथ अपनो का
लहू के रंग ने उसे
गैरो के हवाले कर दी !